उपकार / Upkar
अफ्रीका बड़ा भारी देश है उस देश में बहुत घने वन हैं और उन वनों में शेर भालू गंडा अभी भयानक पशु बहुत होते हैं बहुत से लोग शेर का चमड़ा पढ़ने के लिए उसे मारते हैं I
गर्मी के दिनों में हाथी जिस रास्ते झरने पर पानी पीने जाते हैं, उस रास्ते में लोग बड़ा भारी गहरा गड्ढा खोद देते हैं और उस गड्ढे के चारों ओर लकड़ियों को भाले के सामान नोक वाली करके गाड़ देते हैं I फिर गड्ढे को पत्ती लकड़ियों और पत्तों से ढक देते हैं I जब हाथी पानी पीने निकलते हैं, तो उनके दल का आगे का हाथी गड्ढे के ऊपर टहनियों के कारण गड्ढे को देख नहीं पाता और जैसे ही टहनियों पर पैर रखता है टहनी टूट जाते हैं, और हाथी गड्ढे में गिर जाता है I पीछे हाथी पकड़ने वाले गड्ढे में एक और रास्ता खोल कर दूसरे पालतू हाथियों की सहायता से हाथी को पकड़ लाते हैं I
हाथी पकड़ने वाले उस हाथी को लाकर पहले कई दिनों का रखते हैं I गड्ढे में भी हाथी कई दिन भूखा रहता है, जिस से कमजोर हो जाने के कारण निकलते समय बहुत धूम ना मचाए I भूख के मारे जब हाथी छटपटाना लगता है, तब कोई आदमी उसे चारा देने जाता है I चारा देने के बहाने वही आदमी हाथी से धीरे-धीरे जान पहचान कर लेता है, और फिर हाथी को वही सिखाता है I शिक्षा देने के बाद हाथी को लोग बेच देते हैं I
कई बार हाथी पकड़ने के लिए जो गड्ढा बनाया जाता है, उसमें रात को धोखे से हिरन, नीलगाय, शेर या जंगल के दूसरे पशु भी गिर जाता है I गड्ढा बनाने वाले उन्हें भी निकाल लेते हैं I
हाथी पकड़ने वालों ने अफ्रीका के जंगल में एक बार हाथी फसाने के लिए गड्ढा बनाया, और ढक दिया रात में एक शेर उस गड्ढे में गिर पड़ा I शेर किसी छोटे पशुओं को पकड़ने के लिए दौड़ा होगा और गलती से गड्ढे में जा गिरा I
एक शिकारी उधर से निकला उसने शेर को गड्ढे में गिरा देखा वीर पुरुष किसी को दुख में देखकर उसे मारते नहीं है, उसकी सहायता करते हैं I सिंह बार-बार उछलता था परंतु गड्ढे के चारों ओर घड़ी नोक वाली लकड़ी ओं से उसे चोट लगती थी और वह फिर गड्ढे में गिर जाता था I शिकारी में एक रस्सी में दो लकड़ियों को बांधा और पेड़ पर चढ़ गया पेड़ से रस्सी खींच कर उसने लकड़ियां उखाड़ दी शिकारी में नीचे से लकड़ियां इसलिए नहीं उखाड़े ताकि गड्ढे से निकलने पर शेर उसे मार ना डाले I दो लकड़ियां उखड़ने से शेर को रास्ता मिल गया शेर उछलकर गड्ढे से बाहर निकल आया I
वह शिकारी एक दिन एक झड़ने के किनारे पानी पीकर बंदूक रख कर बैठा था I बहुत थका था इसलिए लेट गया और उसे नींद आ गई, इतने में एक चीता आया और शिकारी को मारने के लिए उस पर कूद गया बेचारा शिकारी डर के मारे चिल्ला भी नहीं सका I
इतने में एक भारी शेर जोर से दहाड़ा उस की दहाड़ सुनकर चीता भागने लगा और शेर चीते के ऊपर कूद पड़ा और उसने चीते को मार डाला I
शिकारी समझता था कि चीते को मारकर शेर अब मुझे मारेगा लेकिन शेर आया और शिकारी के सामने बैठकर पूंछ हिलाने लगा शिकारी ने पहचान लिया कि यह वही शेर है, जिसे गड्ढे में से निकालने में शिकारी ने सहायता दी थी I
शेर जैसा भयंकर पशु भी अपने उपकार करने वाले को नहीं भूलता था I तुम मनुष्य हो तुम्हें तो अपने पर कोई थोड़ा भी उपकार करे तो उसे नहीं भूलना चाहिए और उस उपकारी की सेवा सहायता करने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए I
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