सत्य वचन
>
क्या यह सचमुच बिडम्बना नहीं है कि हम यह सोच नइ दिन पाते कि यदि अच्छे दिन लम्बे समय तक नहीं टिकते तो फिर बुरे दिन भला कैसे टिके रह सकते है
हम बह कभी नहीं सुनते जो दुसरे सुनना चाहते है
हम पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल हो गए है हम स्वम से नहीं वल्कि अन्य से नियंत्रित हो रहे है
कुछ लोग इसलिए भी तनाव ग्रस्त है क्यों की उनके पास तनाव के लिए कोई कारन नहीं है
एक टिप्पणी भेजें
एक टिप्पणी भेजें